तृतीय विश्व हिंदी सम्मेलन के विषय में महादेवी वर्मा जी ने इन्दिरा सरकार द्वारा नई दिल्ली में आयोजित तृतीय विश्व हिन्दी सम्मेलन में ३०-१०-८३ के अपने व्याख्यान में भारत सरकार को कसकर फटकारा था कि- "राष्ट्रभाषा के नाम पर ऐसे प्रदर्शन कर लेने से व्यवहार में हिन्दी को शासन कार्य से बहिष्कृत रखने का उसका पाप धुल नहीं जाता ... "
-जगदीश व्योम जी की स्मृतियों से
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