पिता जी अपने खेत की सिंचाई के लिए, चाचा जी जो लोग खेती से लगे थे,उनकी सहूलियत के लिए अपने भविष्य निधि से कर्ज लेकर पंपिंग सेट लगवाए।एक बार उसका पट्टा तथा मशीन के अंदर रखे दूसरे खेती के समान रात को चोर उठा ले गए।वे ड्यूटी से आए तो पता चला कि दो लोग वहां इस तरह की सुरक्षा के लिए सोते थे।यह घटना कैसे घटी? हुआ यह कि एक चाचा जी तो वहां सोए थे, दूसरे चाचा बिना बताए रामलीला देखने चले गए। उन्होंने सुरक्षा के लिए मय कुएं सहित पूरे पंपिंग सेट की चहारदीवारी बनवाई। इसी बीच हमारे कच्चे आलू के खेत खोदकर नष्ट करने का प्रयास रात को चोरों ने किया। उन्हें पता चला तो उन्होंने भाइयों को समझाया कि इसकी खुदाई करके आलू बेचकर उसी पैसे से नया बीज लाकर,उसकी रोपाई करो। चाचा जी लोगों ने उन्हीं के निर्देश पर काम किए। अच्छी पैदावार हुई थी।
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रत्नशंकर पाण्डेय की स्मृति से
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