‘क़िस्से साहित्यकारों के’ - ‘हिंदी से प्यार है’ समूह की परियोजना है। इस मंच पर हम  साहित्यकारों से जुड़े रोचक संस्मरण और अनुभवों को साझा करते हैं। यहाँ आप उन की तस्वीरें, ऑडियो और वीडियो लिंक भी देख सकते हैं। यह मंच किसी साहित्यकार की समीक्षा, आलोचना या रचनाओं के लिए नहीं बना है।

हमारा यह सोचना है कि यदि हम साहित्यकारों से जुड़े संस्मरण और यादों को जो इस पीढ़ी के पास मौजूद है, व्यवस्थित रूप से संजोकर अपनी आने वाली पीढ़ी को दे सकें तो यह उनके लिए अनुपम उपहार होगा।



गुरुवार, 13 अप्रैल 2023

धूमिल परिवार में

 पिता जी अपने खेत की सिंचाई के लिए, चाचा जी जो लोग खेती से लगे थे,उनकी सहूलियत के लिए अपने भविष्य निधि से कर्ज लेकर पंपिंग सेट लगवाए।एक बार उसका पट्टा तथा मशीन के अंदर रखे दूसरे खेती के समान रात को चोर उठा ले गए।वे ड्यूटी से आए तो पता चला कि दो लोग वहां इस तरह की सुरक्षा के लिए सोते थे।यह घटना कैसे घटी? हुआ यह कि एक चाचा जी तो वहां सोए थे, दूसरे चाचा बिना बताए रामलीला देखने चले गए। उन्होंने सुरक्षा के लिए मय कुएं सहित पूरे पंपिंग सेट की चहारदीवारी बनवाई। इसी बीच हमारे कच्चे आलू के खेत खोदकर नष्ट करने का प्रयास रात को चोरों ने किया। उन्हें पता चला तो उन्होंने भाइयों को समझाया कि इसकी खुदाई करके आलू बेचकर उसी पैसे से नया बीज लाकर,उसकी रोपाई करो। चाचा जी लोगों ने उन्हीं के निर्देश पर काम किए। अच्छी पैदावार हुई थी।

_______________________

रत्नशंकर पाण्डेय की स्मृति से

_______________________


व्हाट्सएप शेयर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें