‘क़िस्से साहित्यकारों के’- ‘हिंदी से प्यार है’ समूह की परियोजना है। इस मंच पर हम साहित्यकारों से जुड़े रोचक संस्मरण और अनुभवों को साझा करते हैं। यहाँ आप उन की तस्वीरें, ऑडियो और वीडियो लिंक भी देख सकते हैं। यह मंच किसी साहित्यकार की समीक्षा, आलोचना या रचनाओं के लिए नहीं बना है।
हमारा यह सोचना है कि यदि हम साहित्यकारों से जुड़े संस्मरण और यादों को जो इस पीढ़ी के पास मौजूद है, व्यवस्थित रूप से संजोकर अपनी आने वाली पीढ़ी को दे सकें तो यह उनके लिए अनुपम उपहार होगा।
मंगलवार, 1 अगस्त 2023
'असाध्य वीणा' अज्ञेय के स्वर में
'आँगन के पार द्वार' में संकलित 'असाध्य वीणा' नामक यह लम्बी कविता अज्ञेय जी रचनाओं में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है | प्रस्तुत है स्वयं अज्ञेय जी की गुरु गंभीर वाणी में इस कविता का पाठ-
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