‘क़िस्से साहित्यकारों के’ - ‘हिंदी से प्यार है’ समूह की परियोजना है। इस मंच पर हम  साहित्यकारों से जुड़े रोचक संस्मरण और अनुभवों को साझा करते हैं। यहाँ आप उन की तस्वीरें, ऑडियो और वीडियो लिंक भी देख सकते हैं। यह मंच किसी साहित्यकार की समीक्षा, आलोचना या रचनाओं के लिए नहीं बना है।

हमारा यह सोचना है कि यदि हम साहित्यकारों से जुड़े संस्मरण और यादों को जो इस पीढ़ी के पास मौजूद है, व्यवस्थित रूप से संजोकर अपनी आने वाली पीढ़ी को दे सकें तो यह उनके लिए अनुपम उपहार होगा।



मंगलवार, 11 अप्रैल 2023

महादेवीजी की फटकार

 तृतीय विश्व हिंदी सम्मेलन के विषय में महादेवी वर्मा जी ने इन्दिरा सरकार द्वारा नई दिल्ली में आयोजित तृतीय विश्व हिन्दी सम्मेलन में  ३०-१०-८३ के अपने व्याख्यान में भारत सरकार को कसकर फटकारा था कि- "राष्ट्रभाषा के नाम पर ऐसे प्रदर्शन कर लेने से व्यवहार में हिन्दी को शासन कार्य से बहिष्कृत रखने का उसका पाप धुल नहीं जाता ‌‌... "

                              -जगदीश व्योम जी की स्मृतियों से


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