‘क़िस्से साहित्यकारों के’ - ‘हिंदी से प्यार है’ समूह की परियोजना है। इस मंच पर हम  साहित्यकारों से जुड़े रोचक संस्मरण और अनुभवों को साझा करते हैं। यहाँ आप उन की तस्वीरें, ऑडियो और वीडियो लिंक भी देख सकते हैं। यह मंच किसी साहित्यकार की समीक्षा, आलोचना या रचनाओं के लिए नहीं बना है।

हमारा यह सोचना है कि यदि हम साहित्यकारों से जुड़े संस्मरण और यादों को जो इस पीढ़ी के पास मौजूद है, व्यवस्थित रूप से संजोकर अपनी आने वाली पीढ़ी को दे सकें तो यह उनके लिए अनुपम उपहार होगा।



शनिवार, 9 नवंबर 2024

नागर जी और बिमल मित्र

 अमृतलाल नागर जयंती 


 

    अमृतलाल नागर जी का अद्भुत रचना संसार है,हर कथा रोचक अनकही, चाहे वो  नाच्यो बहुत गोपाल हो, तुलसीदास ji पर लिखी मानस का हंस या भक्त कवि सूरदास जी पर लिखी अद्भुत कृति  खंजन नयन..

     कुछ लोग भाषा के नाम पर तलवार खींचते है उनके लिए यह प्रेरक प्रसंग हो सकता है।

        बांग्ला के यशस्वी प्रख्यात कथाकर बिमल मित्र की लोकप्रियता हिन्दी और बांग्ला दोनों में थी, अमृतलाल नागर जी,  बिमल मित्र के प्रति आदर भाव रखते थे  नागर जी की कृति है "खंजन नयन"  जो भक्त कवि सूरदास पर लिखी उपन्यास है,ये कृति उन्होंने सादर ,बड़े विनय भाव से बांग्ला की अमर लेखनी बिमल मित्र को समर्पित की है, ये होती है  महान लोगो की पहचान, यहाँ प्रतिस्पर्धा का भाव नहीं है समर्पण का भाव है,बिमल मित्र की आजीवन साहित्य साधना को प्रणाम करना, उस अगाध परिश्रम को एक महान साहित्यकार ही समझ सकता है,  वर्षो पहले शायद 1993 मे माँ ने ( बिमल मित्र की पत्नी )  ने मुझे यह कृति बिमल मित्र के लेखन कक्ष में दिखाई थी, साथ मे वो पत्र जो अमृतलाल नागर जी ने  बिमल मित्र को लिखा था, बिमल मित्र के ह्रदय में भी अमृतलाल नागर जी के प्रति स्नेह व सम्मान था, 

ये था हिन्दी  और बांग्ला का मिलन 

संजय 'अनंत' के सौजन्य से

 


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