‘क़िस्से साहित्यकारों के’ - ‘हिंदी से प्यार है’ समूह की परियोजना है। इस मंच पर हम  साहित्यकारों से जुड़े रोचक संस्मरण और अनुभवों को साझा करते हैं। यहाँ आप उन की तस्वीरें, ऑडियो और वीडियो लिंक भी देख सकते हैं। यह मंच किसी साहित्यकार की समीक्षा, आलोचना या रचनाओं के लिए नहीं बना है।

हमारा यह सोचना है कि यदि हम साहित्यकारों से जुड़े संस्मरण और यादों को जो इस पीढ़ी के पास मौजूद है, व्यवस्थित रूप से संजोकर अपनी आने वाली पीढ़ी को दे सकें तो यह उनके लिए अनुपम उपहार होगा।



मंगलवार, 11 अप्रैल 2023

महादेवी का भाषण: कुंभ मेले के अवसर पर

 महादेवी वर्मा उत्तर प्रदेश विधान परिषद की सदस्य रहीं हैं कुंभ मेले की घटना पर 13 फरवरी 1954 को उन्होंने जो भाषण दिया वह व्यवस्था की आँख खोल देने वाला है, उनके भाषण का अंश यहाँ पढ़ सकते हैं-




                               

                                -जगदीश व्योम जी की स्मृतियों से







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